Shri Ram Chalisa | श्रीराम चालीसा
श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। […]
श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। […]
उत्कट साधुनि शिळा सेतु बांधोनी ।लिंगदेह लंकापुर विध्वंसूनी ।कामक्रोधादिक राक्षस मर्दूनी ।देह-अहंभाव रावण निवटोनी ॥ १ ॥जय देव जय देव निजबोधा रामा ।परमार्थे आरती, सद्भावें […]
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